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Delhi CM Arvind Kejriwal की जेल से रिहाई

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दी है, जिसके बाद वे तिहाड़ जेल से रिहा हुए। वे दिल्ली एक्साइज पॉलिसी से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में CBI की जांच का सामना कर रहे थे और पांच महीने से जेल में थे। उनकी रिहाई के बाद, उनके समर्थकों ने उनके निवास के बाहर जमकर आतिशबाज़ी की, जिसके बाद पुलिस ने इसका संज्ञान लेते हुए मामला दर्ज किया है।

पटाखा विवाद.,

दिल्ली सरकार ने हाल ही में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पटाखों के उत्पादन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाया था। इसके बावजूद, केजरीवाल के आवास के बाहर पटाखे चलाए जाने से यह मामला सुर्खियों में आ गया। पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जिसमें धारा 223 (लोक सेवक द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना) के तहत कार्रवाई की गई है।

राजनीतिक असर!

आतिशबाज़ी का यह मामला अब राजनीतिक विवाद का रूप ले सकता है, क्योंकि पटाखों पर सरकार द्वारा खुद लगाए गए प्रतिबंध का उल्लंघन हुआ है। केजरीवाल की रिहाई और उनके समर्थकों की

क्या था मामला?

अरविंद केजरीवाल कई बार जेल में बंद होने के मामले में आए हैं, और इनमें से अधिकतर मामले राजनीतिक और कानूनी मामलों से जुड़े रहे हैं। सबसे प्रमुख घटना 2023 की थी, जब केजरीवाल को शराब नीति घोटाले के मामले में सीबीआई द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन उन्हें उस समय गिरफ्तार नहीं किया गया था।

एक और घटना 2014 की है, जब अरविंद केजरीवाल को मानहानि के एक मामले के चलते जेल भेजा गया था। यह मामला बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने दर्ज कराया था, जब केजरीवाल ने गडकरी को “भ्रष्ट” कहा था। कोर्ट में जमानत लेने से इनकार करते हुए, केजरीवाल ने कहा था कि यह उनके सिद्धांतों के खिलाफ है, जिसकी वजह से उन्हें जेल भेजा गया था।

इसके अलावा, कुछ और मानहानि के मामले और राजनीतिक मुद्दों पर भी उनका नाम आया, लेकिन ज्यादातर मामले या तो सुलझा लिए गए या फिर उन्होंने कानूनी तरीके से अपना बचाव किया।

इस प्रतिक्रिया से यह सवाल भी उठने लगे हैं कि क्या सरकार के आदेशों का पालन केवल आम जनता के लिए है?

DesiiNews

क्या था मामला…

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