हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट: भारत में अब किसकी बारी?
हिंडनबर्ग रिसर्च एक बार फिर चर्चा में है।
इस अमेरिकी शॉर्ट-सेलर फर्म ने हाल ही में एक ट्वीट के माध्यम से संकेत दिए हैं कि वे जल्द ही भारत में किसी बड़े खुलासे की तैयारी कर रहे हैं।
यह खबर आते ही भारतीय बाजारों में हलचल मच गई है, क्योंकि इससे पहले भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट ला दी थी, जिसके परिणामस्वरूप गौतम अडानी की संपत्ति में भारी गिरावट आई थी।
हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्ट्स और प्रभाव
हिंडनबर्ग की पिछली रिपोर्टों ने कई बड़ी कंपनियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। 2020 में, इलेक्ट्रिक ट्रक बनाने वाली अमेरिकी कंपनी निकोला के खिलाफ आई उनकी रिपोर्ट ने कंपनी के शेयरों को 80% तक गिरा दिया था। इसके बाद अमेरिका के सिक्योरिटी और एक्सचेंज कमीशन ने कंपनी पर फ्रॉड का केस चलाया, जिससे निकोला को भारी जुर्माना भरना पड़ा।
इसी तरह, 2023 में अडानी समूह पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट ने पूरे भारतीय व्यापार जगत में हड़कंप मचा दिया था।
अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाते हुए, हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि अडानी ग्रुप ने अपनी संपत्ति और वित्तीय स्थिति के बारे में गलत जानकारी दी है।
इस रिपोर्ट के कारण अडानी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई और गौतम अडानी की संपत्ति में अरबों डॉलर की कमी आई।
नई रिपोर्ट
अब हिंडनबर्ग ने भारत में एक और बड़े खुलासे का संकेत दिया है। हालांकि, इस बार किस कंपनी या समूह को निशाना बनाया जाएगा, इसके बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है। लेकिन इस संकेत के बाद से भारतीय बाजार में चिंता का माहौल है।
इस नए खुलासे की अटकलें इसलिए भी तेज हो गई हैं क्योंकि हिंडनबर्ग ने पहले भी जिन कंपनियों पर रिपोर्ट जारी की है, वे या तो वित्तीय संकट में चली गई हैं या उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। इसलिए, अब सवाल उठता है कि क्या इस बार भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट किसी बड़े उद्योगपति या कंपनी को हिला कर रख देगी?
इस बीच, अडानी समूह ने हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट को “मालिशियस” और “मैनिपुलेटिव” बताया है।
समूह का दावा है कि हिंडनबर्ग ने उनके खिलाफ झूठे और भ्रामक आरोप लगाए हैं, जिनका उद्देश्य केवल वित्तीय लाभ उठाना है। अडानी समूह ने यह भी कहा है कि उनकी सभी वित्तीय गतिविधियां पूरी तरह से पारदर्शी और कानून के दायरे में हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि हिंडनबर्ग की इस नई रिपोर्ट का भारतीय बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। यदि यह रिपोर्ट अडानी ग्रुप जैसे किसी बड़े नाम को फिर से निशाना बनाती है, तो इससे बाजार में और भी अधिक अस्थिरता आ सकती है।
हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने एक बार फिर भारतीय व्यापार जगत में उथल-पुथल मचा दी है। इस रिपोर्ट के संभावित प्रभाव को देखते हुए, निवेशकों और कंपनियों को सतर्क रहना आवश्यक है। यह देखना दिलचस्प होगा कि हिंडनबर्ग इस बार किसे निशाना बनाता है और इसके क्या परिणाम होते हैं। – DesiiNews.com