मतदाता सूची के लिए आधार नंबर की आवश्यकता नहीं।
मतदाता सूची के लिए आधार नंबर की आवश्यकता नहीं, नामांकन के फॉर्म में होगा बदलाव।
भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसी) ने मतदाता सूची तैयार करने के लिए आधार नंबर की आवश्यकता को हटाने का अपील कि है, जिसके तहत अब मतदाताओं को उनके नामांकन के लिए आवेदन करने वाले फॉर्म में आधार नंबर देने की जरूरत नहीं होगी। इस फैसले का आलंब वाणिज्यिक निर्वाचन की तैयारी के दौरान लिया गया है, और यह मतदाताओं के लिए मतदान प्रक्रिया को सुगम और सरल बनाने का उद्देश्य रखता है।
चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ वकील ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को यह भी बताया कि पंजीकरण (संशोधन) नियम 2022 के नियम 26-बी के तहत मतदाताओं का आधार जमा करना अनिवार्य नहीं है। ईसी के प्रमुख निर्वाचन अधिकारी ने इस नए निर्णय को जारी किया और इसका टाइमलाइन तय किया कि कब से यह लागू होगा। उन्होंने बताया कि यह निर्णय मतदान प्रक्रिया को अधिक सुगम और बेहतर बनाने का हिस्सा है और इसका उद्देश्य नागरिकों को अपने मताधिकार का अधिक लाभ पहुंचाना है।
आधार कार्ड एक व्यक्ति की पहचान के रूप में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन अब निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान इसकी आवश्यकता हटा दी गई है। यह निर्णय सीधे रूप में नागरिकों को यह फायदा पहुंचाएगा कि वे अब अपने मताधिकार को प्रयोग करने के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं पड़ेगी।
इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि ईसी भारतीय नागरिकों के लिए निर्वाचन प्रक्रिया को और भी सरल बनाने के प्रति समर्थ है और उन्हें उनके मताधिकार का सही रूप से लाभ पहुंचाने का उद्देश्य है। इस नए निर्णय के अनुसार, नामांकन के लिए आवेदन करने वाले नागरिकों को अब आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी, और वे बिना आधार कार्ड केअपने मताधिकार का पूरा फायदा उठा सकेंगे। यह निर्णय नागरिकों के लिए एक कदम आगे बिना आधार कार्ड केने का एक और मौका प्रदान करता है और उन्हें निर्वाचन प्रक्रिया में भाग लेने का अधिक आत्मविश्वास देता है।