ईरान द्वारा हाल ही में इज़राइल पर एटम बम हमले की धमकी..
ईरान द्वारा हाल ही में इज़राइल पर एटम बम हमले की धमकी देने से वैश्विक बाजारों में भारी उथल-पुथल देखने को मिल रही है। ईरान और इज़राइल के बीच तनाव पहले से ही चरम पर था, लेकिन इस धमकी ने वैश्विक निवेशकों में भय का माहौल पैदा कर दिया है।
बाजार पर प्रभाव:
- तेल की कीमतों में उछाल: ईरान के परमाणु कार्यक्रम और युद्ध की संभावना को देखते हुए कच्चे तेल की कीमतों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। मध्य पूर्व में संघर्ष के कारण आपूर्ति बाधित होने की संभावना के चलते तेल की कीमतों में 5% तक की वृद्धि हुई है।
- शेयर बाजार में गिरावट: वैश्विक बाजारों में इस तनाव का असर साफ दिखा है। प्रमुख स्टॉक एक्सचेंजों में गिरावट दर्ज की गई है, खासकर तेल और रक्षा क्षेत्र से संबंधित शेयरों में तेज उतार-चढ़ाव हो रहा है।
- सोने की कीमत में बढ़ोतरी: निवेशक सुरक्षित निवेश की ओर रुख कर रहे हैं, जिसके कारण सोने की कीमतों में भी बढ़ोतरी हुई है। सोने की मांग अचानक बढ़ गई है क्योंकि यह संकट के समय एक सुरक्षित संपत्ति मानी जाती है।
- डॉलर में मजबूती: वैश्विक अस्थिरता के चलते अमेरिकी डॉलर की मांग बढ़ी है, जिससे डॉलर मजबूत हो रहा है और अन्य मुद्राओं में कमजोरी देखने को मिली है।
7 अक्टूबर…
7 अक्टूबर 2024 को इज़राइल और ईरान के बीच संभावित हमले की आशंका बढ़ गई है, खासकर जब इज़राइल ने हमास के हमले की पहली वर्षगांठ मनाई। इस दिन को इज़राइल ने गम और समर्पण के साथ मनाया, जब पिछले वर्ष हमास के हमले में 1,205 लोगों की जान गई थी। इस अवसर पर कई समारोह आयोजित किए गए, जिसमें शोक संतप्त परिवारों ने भाग लिया और एक-दूसरे के प्रति सहानुभूति प्रकट की।
ईरान ने इज़राइल को चेतावनी…
दूसरी ओर, ईरान ने इज़राइल को चेतावनी दी है कि अगर इज़राइल ने ईरान की सीमाओं के भीतर कोई भी हमला किया, तो इसका कड़ा जवाब दिया जाएगा। ईरान का यह कहना कि उसके पास परमाणु बम बनाने की क्षमता है, एक गंभीर धमकी है जो तनाव को और बढ़ा सकता है। इससे मध्य पूर्व की स्थिति और भी जटिल हो गई है, क्योंकि ईरान ने अपने सहयोगियों, जैसे कि हिज़्बुल्लाह, को इज़राइल के खिलाफ आक्रमण करने के लिए प्रेरित किया है।
प्रभाव..,
विशेषज्ञों का मानना है कि इस टकराव का क्षेत्रीय प्रभाव व्यापक हो सकता है, और अगर इज़राइल और ईरान के बीच संघर्ष बढ़ता है, तो इसका असर पड़ोसी देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर भी पड़ेगा।
हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि अब तक की घटनाओं ने इज़राइल की सुरक्षा स्थिति को कमजोर किया है और यह संकेत दिया है कि क्षेत्र में तनाव में और वृद्धि हो सकती है। ऐसे में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या अमेरिका और अन्य देशों द्वारा तनाव को कम करने के प्रयास किए जाएंगे या नहीं।
वैश्विक स्तर पर भी बड़े संकट का कारण…
इस सब के बीच, एक नया संघर्ष जो इज़राइल और ईरान के बीच हो सकता है, वह न केवल इस क्षेत्र के लिए बल्कि वैश्विक स्तर पर भी बड़े संकट का कारण बन सकता है।
ईरान-इज़राइल संघर्ष की यह स्थिति न केवल मध्य पूर्व को प्रभावित कर रही है, बल्कि वैश्विक आर्थिक हालातों पर भी गहरा असर डाल रही है। यदि यह तनाव युद्ध में बदलता है, तो यह स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।
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