सोशल मीडिया के उपयोग के लिए आयु सीमा लाने का सुझाव: कर्णाटक हाईकोर्ट
कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को सरकार को सोशल मीडिया के उपयोग के लिए आयु-सीमा निर्धारित करने का सुझाव दिया। जस्टिस जी नरेंदर और विजयकुमार ए पाटिल की खंडपीठ X Corp (पूर्व में ट्विटर) के द्वारा जारी किए गए तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeiTY) द्वारा जारी किए गए आदेशों को हटाने के लिए उनकी अपील की सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की “सोशल मीडिया का उपयोग करने के लिए एक आयु सीमा को शराब पीने की कानूनी आयु के समान परिपत्रित करना उपयुक्त होगा।
अदालत ने इसके अलावा यह भी देखा कि “बच्चे 17 या 18 साल के हो सकते हैं। लेकिन क्या उनमें यह विवेक है कि राष्ट्र के हित में क्या है और क्या नहीं? सोशल मीडिया पर ही नहीं, इंटरनेट पर भी चीजें हटाई जानी चाहिए, यह मन को करप्शन करता है। सरकार को सोशल मीडिया के उपयोग के लिए एक आयु सीमा निर्धारित करने का विचार करना चाहिए।
कर्नाटक हाईकोर्ट के अनुसार, ‘बच्चे 17 या 18 साल के हो सकते हैं, लेकिन राष्ट्र के हित में क्या वे यह विचार कर सकते हैं कि क्या सही है और क्या गलत ? इस पर विचार किया जाना चाहिए। सोशल मीडिया के साथ-साथ, इंटरनेट पर भी चीजें हटाई जानी चाहिए, क्योंकि यह मन को उलझाता है। इसीलिए सरकार को सोशल मीडिया के उपयोग के लिए एक आयु सीमा निर्धारित करने का विचार करना चाहिए।