त्रिची एयरपोर्ट

त्रिची एयरपोर्ट पर 141 यात्रियों के साथ फ्लाइट में लगी आग,

त्रिची एयरपोर्ट से शारजाह जा रही हाल ही में एयर इंडिया एक्सप्रेस की एक फ्लाइट में टेकऑफ के तुरंत बाद तकनीकी खराबी का सामना करना पड़ा। इस समस्या के कारण विमान का लैंडिंग गियर फंस गया, और पायलट ने आपातकालीन स्थिति की घोषणा की।

त्रिची एयरपोर्ट पर फ्लाइट को हवा में घंटों तक घुमाया गया ताकि ईंधन कम हो जाए और फिर सुरक्षित आपातकालीन लैंडिंग की जा सके।

पायलट ने विमान को सुरक्षित उतारने के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन किया।

इस दौरान त्रिची एयरपोर्ट पर 20 एम्बुलेंस और 18 फायर इंजन आपातकालीन स्थिति के लिए तैयार रखे गए थे। विमान में कुल 141 यात्री सवार थे, और सभी सुरक्षित हैं​

1. घटना की शुरुआत: त्रिची एयरपोर्ट से टेकऑफ के तुरंत बाद समस्या

त्रिची एयरपोर्ट से शारजाह जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट ने 5:40 PM पर टेकऑफ किया। टेकऑफ के तुरंत बाद, विमान को एक तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा, जिसमें लैंडिंग गियर ठीक से काम नहीं कर रहा था। इससे पायलट को तुरंत स्थिति की गंभीरता का अहसास हुआ और उन्होंने आपातकालीन स्थिति घोषित कर दी।

2. पायलट की सूझबूझ: ईंधन जलाकर वजन कम करने की प्रक्रिया

त्रिची एयरपोर्ट पर तकनीकी समस्या के चलते विमान को सुरक्षित रूप से उतारने के लिए ईंधन का भार कम करना आवश्यक था। इसलिए, पायलट ने विमान को त्रिची के आसमान में 2.5 घंटों तक उड़ाया ताकि विमान का ईंधन जल सके और उसका वजन कम हो सके। यह प्रक्रिया विमान को सुरक्षित आपातकालीन लैंडिंग के लिए आवश्यक थी।

3. आपातकालीन व्यवस्था: सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन

त्रिची एयरपोर्ट पर सुरक्षा के लिए 20 एम्बुलेंस और 18 फायर इंजन तैनात किए गए थे। हवाईअड्डे के निदेशक गोपालकृष्णन ने पुष्टि की कि सभी आपातकालीन लैंडिंग प्रोटोकॉल सक्रिय कर दिए गए थे। जिला कलेक्टर ने भी मीडिया को बताया कि प्रशासन हर प्रकार की आपात स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार था।

4. सुरक्षित लैंडिंग: यात्रियों की राहत

करीब 2.5 घंटे हवा में उड़ने के बाद, पायलट ने अद्वितीय कौशल का प्रदर्शन करते हुए विमान को सुरक्षित उतार लिया। फ्लाइट में 141 यात्री सवार थे, और सभी सुरक्षित हैं। एयर इंडिया ने इस घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव कदम उठाए और यात्रियों को आश्वस्त किया कि तकनीकी खराबी का समाधान जल्द ही कर लिया जाएगा।

5. यात्रियों का अनुभव और प्रतिक्रिया

घटना के दौरान विमान में मौजूद यात्रियों के लिए यह बेहद तनावपूर्ण क्षण था। कुछ यात्रियों ने बताया कि शुरुआती घबराहट के बाद, पायलट और क्रू ने स्थिति को बहुत अच्छे से संभाला और उन्हें सुरक्षा का आश्वासन दिया। सुरक्षित लैंडिंग के बाद सभी यात्री बेहद राहत महसूस कर रहे थे।

त्रिची एयरपोर्ट पर इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि विमानन उद्योग में पायलटों की सूझबूझ और त्वरित निर्णय क्षमता यात्रियों की सुरक्षा के लिए कितनी महत्वपूर्ण है। त्रिची एयरपोर्ट पर हुई इस घटना में पायलट ने अपनी क्षमताओं का अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत किया और सुरक्षित लैंडिंग करवाकर सभी यात्रियों को सुरक्षित रखा।

सुरक्षा और संचालन प्रोटोकॉल

फ्लाइट के दौरान तकनीकी खराबी के बाद पायलटों को विशेष सुरक्षा और संचालन प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक होता है। इस प्रकार की आपातकालीन स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और फ्लाइट को सुरक्षित रूप से लैंड करने के लिए कुछ प्रमुख दिशानिर्देश निम्नलिखित हैं:

1. आपातकालीन घोषणा और स्थिति का आकलन

  • जैसे ही कोई तकनीकी खराबी महसूस होती है, पायलट को तत्काल फ्लाइट क्रू को सूचित करना चाहिए और आपातकालीन घोषणा करनी चाहिए।
  • फ्लाइट डेटा और उपकरणों की मदद से खराबी की गंभीरता का आकलन करें, ताकि सही निर्णय लिया जा सके।

2. संपर्क और समन्वय

  • पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) से तुरंत संपर्क स्थापित करना चाहिए और मौजूदा स्थिति की जानकारी देनी चाहिए।
  • यदि जरूरत हो तो वैकल्पिक हवाई अड्डे की पहचान करनी चाहिए और ATC से सहयोग की अपेक्षा करनी चाहिए।

3. ईंधन का प्रबंधन

  • यदि विमान के ईंधन का भार अधिक है और आपातकालीन लैंडिंग करनी है, तो पायलट को ईंधन जलाने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि विमान का वजन लैंडिंग के समय सुरक्षा मानकों के अनुकूल हो।

4. विमान के सिस्टम की जांच

  • पायलट को अपने सह-पायलट के साथ सभी सिस्टम की जांच करनी चाहिए। इस जांच में लैंडिंग गियर, इंजन, और फ्लाइट कंट्रोल्स शामिल होते हैं, ताकि खराबी की सटीक जानकारी मिल सके और सुरक्षित लैंडिंग की योजना बनाई जा सके।

5. यात्रियों को शांत रखना

  • पायलट और फ्लाइट क्रू का काम होता है कि वे यात्रियों को सुरक्षित महसूस कराएं और उन्हें हर कदम की जानकारी दें। इसके लिए पायलट को पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम के जरिए यात्रियों को स्थिति और लैंडिंग की प्रक्रिया के बारे में सूचित करना चाहिए।

6. सुरक्षित लैंडिंग के लिए तैयार रहना

  • लैंडिंग के समय विमान के मुख्य सिस्टम जैसे लैंडिंग गियर और ब्रेकिंग सिस्टम की दोबारा जांच करें।
  • हवाई अड्डे पर आपातकालीन सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें, जैसे कि फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस आदि, ताकि किसी अप्रत्याशित घटना का सामना किया जा सके।

7. फ्लाइट डेटा का विश्लेषण

  • सुरक्षित लैंडिंग के बाद, फ्लाइट डेटा को संरक्षित करना और दुर्घटना की जांच के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन करना आवश्यक होता है। इससे भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से निपटने के लिए सीखने का मौका मिलता है।

इन दिशानिर्देशों का पालन करके पायलट न केवल यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं बल्कि विमान की सुरक्षित लैंडिंग भी कराते हैं। DesiiNews

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