ईयरफोन इस्तेमाल के खतरे

ईयरफोन इस्तेमाल के खतरे (लंबे समय तक) हैं।

शोध में पाया गया है कि:

  1. सुनने की क्षमता कम होना (Hearing Loss): लंबे समय तक तेज आवाज़ में ईयरफोन का उपयोग करने से सुनने की क्षमता धीरे-धीरे घट सकती है। इससे टिनिटस नामक स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जिसमें कानों में लगातार घंटी बजने या आवाज़ सुनाई देती है।
  2. कान में संक्रमण (Ear Infection): ईयरफोन के लगातार और लंबे समय तक इस्तेमाल से कानों में बैक्टीरिया की वृद्धि हो सकती है, जिससे कान के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
  3. सिरदर्द और तनाव (Headache & Stress): तेज आवाज़ में ईयरफोन का लंबे समय तक इस्तेमाल मस्तिष्क पर दबाव डाल सकता है, जिससे सिरदर्द, तनाव और थकान जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
  4. दिमाग पर प्रभाव (Effect on Brain): लगातार तेज़ ध्वनि में ईयरफोन का उपयोग दिमाग को भी प्रभावित कर सकता है, जिससे नींद की समस्याएं और मानसिक थकावट हो सकती है।

जब आप ईयरफोन का लंबे समय तक इस्तेमाल करते हैं, तो जानें कैसे खतरे?

  1. घंटे बाद:
    • आपके कान थकान महसूस करने लगते हैं, और हल्की बेचैनी हो सकती है।
    • सुनने की क्षमता पर कुछ असर नहीं दिखता, लेकिन तेज आवाज़ में सुनने पर हल्का सिरदर्द हो सकता है।
  2. घंटे बाद:
    • कानों में हल्की जलन या असुविधा हो सकती है।
    • तेज आवाज़ में संगीत सुनने पर सिरदर्द की संभावना बढ़ जाती है।
    • कान के अंदर के हिस्से पर लगातार दबाव से संक्रमण का खतरा हो सकता है।
  3. घंटे बाद:
    • सुनने की क्षमता अस्थायी रूप से कमजोर होने लगती है।
    • कानों में झनझनाहट या हल्की आवाज़ सुनाई दे सकती है (जिसे टिनिटस कहते हैं)।
    • तेज ध्वनि से मस्तिष्क पर दबाव बनने लगता है, जिससे ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है।
  4.  घंटे या उससे अधिक समय तक:
    • सुनने की क्षमता पर गंभीर असर हो सकता है, और इस नुकसान की संभावना बढ़ जाती है।
    • लगातार ईयरफोन पहनने से कानों में संक्रमण, कान के अंदर खुजली, और कान के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव दिखने लगते हैं।
    • मानसिक थकान, चक्कर आना, और सिरदर्द आम हो जाते हैं।
    • लंबे समय तक इसी प्रकार इस्तेमाल से स्थायी सुनने की क्षति (hearing loss) की संभावना बढ़ जाती है।

इन प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, विशेषज्ञों की सलाह है कि ईयरफोन इस्तेमाल के खतरे को ध्यान में रखते हुए ईयरफोन का उपयोग सीमित करें और समय-समय पर ब्रेक लें। साथ ही, मध्यम ध्वनि स्तर पर ही सुनना चाहिए ताकि कानों की सेहत बनी रहे।

ईयरफोन के लंबे समय तक इस्तेमाल, उपाय और सावधानियां!

अगर ईयरफोन के लंबे समय तक इस्तेमाल से कानों में समस्या हो रही हो, तो निम्नलिखित उपाय और सावधानियां अपनाई जा सकती हैं:

  1. ईयरफोन का इस्तेमाल कम करें:
    • ईयरफोन इस्तेमाल के खतरे को ध्यान में रखते हुए ध्यान में रखते हुए लंबे समय तक ईयरफोन का उपयोग करने से बचें। 60/60 नियम का पालन करें यानी 60 मिनट तक ईयरफोन का उपयोग करने के बाद 5-10 मिनट का ब्रेक लें और ध्वनि स्तर 60% से अधिक न रखें।
  2. कान की जांच कराएं:
    • अगर कानों में लगातार झनझनाहट, दर्द, या संक्रमण के लक्षण दिख रहे हैं, ईयरफोन इस्तेमाल के खतरे को किसी ईएनटी (कान, नाक, गला) विशेषज्ञ से संपर्क करें। वे आपकी सुनने की क्षमता की जांच करेंगे और उचित इलाज देंगे।
  3. साफ-सफाई का ध्यान रखें:
    • ईयरफोन का नियमित रूप से साफ-सफाई करें। कानों में बैक्टीरिया के बढ़ने से बचने के लिए व्यक्तिगत (Personal) ईयरफोन का ही उपयोग करें और उन्हें समय-समय पर सैनिटाइज करें।
  4. तेज आवाज़ से बचें:
    • बहुत तेज आवाज़ में संगीत सुनने से कानों को नुकसान हो सकता है। इसीलिए आवाज़ का स्तर हमेशा मध्यम रखें।
  5. कान के लिए दवाइयां:
    • अगर डॉक्टर को कान के संक्रमण की पुष्टि होती है, तो वे आपको एंटीबायोटिक दवाइयाँ, इयर ड्रॉप्स या अन्य उपचार सुझा सकते हैं।
  6. सुनाई देने में परेशानी होने पर:
    • अगर सुनने की क्षमता कमजोर हो रही है, तो डॉक्टर हियरिंग टेस्ट (ऑडियोग्राम) करने की सलाह दे सकते हैं। इसके अनुसार, आपको हियरिंग एड्स की भी जरूरत पड़ सकती है।
  7. कान को आराम दें:
    • ईयरफोन के बजाय स्पीकर या ओपन-एयर हेडफोन्स का इस्तेमाल करें ताकि कानों पर दबाव न पड़े।

समय पर उचित इलाज और सावधानियों से कान की समस्याओं से बचा जा सकता है। यदि समस्या गंभीर हो, तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लें।

गंभीर बीमारियों को जन्म

ईयरफोन का लंबे समय तक उपयोग कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है। यहाँ कुछ प्रमुख चिकित्सीय स्थिति दी गई हैं जो ईयरफोन के अत्यधिक उपयोग से हो सकती हैं:

  1. सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस (Sensorineural Hearing Loss):
    लंबे समय तक तेज आवाज़ में ईयरफोन का उपयोग करने से सेंसरी न्यूरल हियरिंग लॉस हो सकता है। इस स्थिति में कान के भीतर स्थित कोशिकाएं (hair cells) जो ध्वनि तरंगों को मस्तिष्क तक पहुँचाती हैं, स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाती हैं। इससे सुनने की क्षमता धीरे-धीरे कम हो सकती है, और इसे चिकित्सा द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता।
  2. टिनिटस (Tinnitus):
    लंबे समय तक ईयरफोन के उपयोग से कानों में स्थायी रूप से घंटी बजने या आवाज़ सुनाई देने लगती है, जिसे टिनिटस कहते हैं। यह मस्तिष्क द्वारा गलत ध्वनि संकेतों के प्रोसेसिंग से होता है, जब कान की नसें क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
  3. एक्सटर्नल ओटिटिस (External Otitis):
    ईयरफोन के निरंतर और लंबे समय तक उपयोग से कान में एक्सटर्नल ओटिटिस यानी कान के बाहरी हिस्से में संक्रमण हो सकता है। इसे सामान्यतः स्विमर्स ईयर भी कहते हैं, जो कान में जलन, दर्द, और सूजन का कारण बन सकता है।
  4. कॉग्नेटिव डिसफंक्शन (Cognitive Dysfunction):
    अत्यधिक तेज आवाज़ मस्तिष्क के लिए तनावपूर्ण हो सकती है, जिससे मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रभावित हो सकती है। इससे ध्यान केंद्रित करने में समस्या और मानसिक थकावट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  5. हाइपरक्यूसिस (Hyperacusis):
    यह एक दुर्लभ स्थिति है जिसमें व्यक्ति को सामान्य ध्वनि भी अत्यधिक तेज और कष्टकारी लगती है। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब कान की नसें अत्यधिक संवेदनशील हो जाती हैं, जो लगातार ईयरफोन के उपयोग से हो सकता है।

ईयरफोन इस्तेमाल के खतरे को ध्यान में रखते हुए इन बीमारियों से बचने के लिए ईयरफोन का उपयोग सीमित करें, मध्यम ध्वनि में सुनें, और समय-समय पर ब्रेक लें। अगर किसी प्रकार की समस्या महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें।

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