इस्राइल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच एक ताजा हमले में हमास ने इस्राइल के खिलाफ हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 7 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला उस वक्त हुआ जब इस्राइल-ईरान युद्ध का तनाव अपने चरम पर है। हमास, जो फिलिस्तीनी संगठन है, ने इस हमले को अंजाम दिया और इसके बाद स्थिति और भी गंभीर हो गई है।
इस्राइल-ईरान युद्ध का प्रभाव
इस्राइल-ईरान युद्ध ने पूरे मध्य पूर्व को हिला कर रख दिया है। इस घटना ने दोनों देशों के बीच पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और जटिल बना दिया है। ईरान हमेशा से हमास का समर्थन करता आया है, और इस्राइल के खिलाफ उसके किसी भी कदम का समर्थन करता है। इस हमले ने इस्राइल-ईरान युद्ध के तनाव को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है।
इस्राइल-ईरान युद्ध का अब एक नया मोड़ आ गया है, जहां हमास जैसे संगठन इस युद्ध को और भी बढ़ावा दे रहे हैं। 7 लोगों की जान लेने वाले इस हमले ने इस क्षेत्र में शांति की संभावनाओं को और दूर कर दिया है।
हमास ने क्यों लिया जिम्मेदारी?
हमास ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि यह उनके ‘जिहाद’ का हिस्सा है। उन्होंने यह दावा किया कि इस्राइल के खिलाफ लड़ाई में वह किसी भी हद तक जा सकते हैं। हमास ने साफ किया कि यह हमला ईरान और इस्राइल के बीच जारी युद्ध में उनके समर्थन का प्रतीक है। हमास ने यह भी चेतावनी दी है कि आने वाले समय में और हमले किए जा सकते हैं, जिससे इस्राइल-ईरान युद्ध और भी खतरनाक मोड़ ले सकता है।
इस्राइल की प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद इस्राइल की प्रतिक्रिया तीखी रही है। इस्राइली सेना ने तुरंत जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी है और हमास के ठिकानों पर बमबारी की है। इस्राइल सरकार ने साफ कर दिया है कि वे अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। इस्राइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि युद्ध के दौरान इस प्रकार के हमलों का करारा जवाब दिया जाएगा। उन्होंने हमास के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आदेश दिया है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
इस्राइल-ईरान युद्ध और हमास के हमले पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने भी प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका, यूरोपीय संघ और संयुक्त राष्ट्र ने इस हमले की निंदा की है और इस्राइल-ईरान युद्ध के चलते बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई है। अमेरिका ने कहा है कि वे इस्राइल के साथ खड़े हैं और उनकी रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। वहीं, ईरान ने हमास का समर्थन करते हुए इस हमले को जायज ठहराया है और इसे ‘विधिपूर्ण प्रतिरोध’ कहा है।
हमास का समर्थन और ईरान
इस्राइल-ईरान युद्ध में हमास का दखल बढ़ता जा रहा है। ईरान ने हमेशा से ही हमास का समर्थन किया है और उन्हें आर्थिक व सैन्य सहायता प्रदान की है। इस्राइल-ईरान युद्ध के चलते अब हमास खुलकर सामने आ चुका है और उसने इस युद्ध को और तीव्र बनाने का प्रयास किया है। ईरान ने हमास की इस कार्रवाई को ‘वीरता‘ बताया है और उन्हें हरसंभव सहायता देने का आश्वासन दिया है।
युद्ध का भविष्य
इस्राइल-ईरान युद्ध के चलते मध्य पूर्व की स्थिरता पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है। हमास के इस हमले के बाद इस्राइल और भी कठोर रुख अपनाने की तैयारी कर रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस्राइल-ईरान युद्ध और अधिक भड़क सकता है। इस्राइल ने साफ किया है कि वह हमास के हर हमले का करारा जवाब देगा, जिससे इस्राइल-ईरान युद्ध की जटिलता और बढ़ सकती है।
यही वजह है कि…
इस्राइल-ईरान युद्ध का तनाव अब केवल दोनों देशों तक सीमित नहीं रह गया है। हमास का इस युद्ध में शामिल होना और हमलों की जिम्मेदारी लेना स्थिति को और भी गंभीर बना रहा है। 7 निर्दोष लोगों की मौत के बाद यह साफ हो चुका है कि इस्राइल-ईरान युद्ध अब एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है। आने वाले समय में यह संघर्ष किस दिशा में जाएगा, यह देखना होगा, लेकिन इस हमले ने इस्राइल-ईरान युद्ध को और भी खतरनाक बना दिया है। और यही वजह है कि इस्राइल और ईरान के बीच तनाव अब और भी विकराल रूप ले सकता है। DesiiNews